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किसानों के लिए बड़ी खबर: Farm Pond Yojana में मिल रहे ₹1.35 लाख – जानिए आवेदन का पूरा तरीका

By Riya Saini

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Farm Pond Yojana

राजस्थान सरकार ने राज्य के किसानों के लिए एक बड़ी सौगात दी है। गिरते भूजल स्तर और सिंचाई की बढ़ती समस्याओं को देखते हुए, सरकार ने Farm Pond Yojana के तहत किसानों को पानी संग्रहण के लिए टैंक निर्माण पर अनुदान देना शुरू कर दिया है। यह योजना वर्षा जल संरक्षण को बढ़ावा देने और किसानों की सिंचाई संबंधी दिक्कतों को दूर करने के मकसद से शुरू की गई है।

इस योजना के तहत पात्र किसानों को प्लास्टिक लाइनिंग सहित फार्म पॉन्ड बनाने पर अधिकतम ₹1,35,000 तक की सब्सिडी दी जा रही है। छोटे, सीमांत और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के किसानों को कुल लागत का 75% तक और अन्य किसानों को 60% तक का अनुदान मिलेगा। यदि किसान प्लास्टिक लाइनिंग का फार्म पॉन्ड बनवाते हैं, तो यह अनुदान 90% तक जा सकता है।

Farm Pond Yojana का लाभ उठाने के लिए किसान के पास कम से कम 0.3 हेक्टेयर भूमि होनी चाहिए। यदि दो किसान संयुक्त रूप से फार्म पॉन्ड बनाना चाहते हैं तो वे एक ही खसरे में दो अलग-अलग टैंक बनवा सकते हैं, लेकिन दोनों के बीच कम से कम 50 फीट की दूरी जरूरी होगी।

किसानों को टैंक की सब्सिडी तभी मिलेगी जब वे फार्म पॉन्ड के साथ-साथ फव्वारा सिस्टम या ट्रिप सिंचाई सिस्टम भी अपनाएं। इसके अलावा, दस्तावेजों के तौर पर जनआधार कार्ड, जमाबंदी नकल, भूमि का नक्शा, और लघु या सीमांत किसान प्रमाण पत्र अनिवार्य होंगे।

Farm Pond Yojana के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इच्छुक किसान खुद या ई-मित्र/सीएससी सेंटर के माध्यम से राज किसान साथी पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। यह योजना “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर पात्रता देती है, इसलिए योग्य किसानों को जल्द से जल्द आवेदन कर लेना चाहिए।

ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2025 तय की गई है। ऐसे में यह योजना किसानों के लिए एक सुनहरा मौका है, जिससे वे अपने खेतों के लिए पानी का स्थायी इंतजाम कर सकते हैं और सिंचाई की समस्याओं से राहत पा सकते हैं।

Diya Saini holds an MBA in Rural Development and Business. With 4 years of experience in content writing, she specializes in development and business-related topics. Her work focuses on bridging the gap between rural innovation and mainstream business strategies.

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