New Toll Policy: लंबे समय से टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ और फिक्स चार्ज से परेशान लोगों के लिए खुशखबरी है। केंद्र सरकार जल्द ही New Toll Policy लागू करने जा रही है जिसमें हाईवे पर तय दूरी के आधार पर ही टोल वसूला जाएगा। इसका मतलब यह है कि अब जितना सफर करेंगे उतना ही भुगतान करना होगा न ज्यादा न कम।
क्या है New Toll Policy का नया सिस्टम
New Toll Policy के तहत टोल वसूली पूरी तरह FASTag, GPS, और कैमरों की मदद से ऑटोमैटिक होगी। हर गाड़ी की नंबर प्लेट को ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR) कैमरों से स्कैन किया जाएगा और वाहन की कुल यात्रा दूरी को ट्रैक कर टोल चार्ज आपके FASTag अकाउंट से स्वत: कट जाएगा।
इससे यात्रियों को टोल प्लाजा पर रुकने, कैश पेमेंट करने या लंबी लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कितना लगेगा टोल चार्ज
बात करें टोल चार्ज की तो कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रस्तावित दर के अनुसार हर 100 किलोमीटर पर करीब 50 रुपये टोल देना होगा। इस सिस्टम से छोटे रूट पर यात्रा करने वाले लोगों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी क्योंकि अब उन्हें फिक्स रेट नहीं बल्कि वास्तविक दूरी का चार्ज देना होगा।
कैसे करेगा सिस्टम काम
नई टोल पॉलिसी में जीपीएस तकनीक का उपयोग किया जाएगा जो आपकी गाड़ी के मूवमेंट को सैटेलाइट से ट्रैक करेगा। जैसे ही आप किसी एक्सप्रेसवे या नेशनल हाइवे पर प्रवेश करेंगे, सिस्टम आपकी यात्रा की शुरुआत दर्ज करेगा और जब आप बाहर निकलेंगे तो कुल दूरी के हिसाब से टोल कट जाएगा।
यह प्रणाली चरणबद्ध तरीके से पूरे देश के हाईवे नेटवर्क पर लागू की जाएगी जिससे टोल प्लाजा हटाने का रास्ता भी साफ होगा।
New Toll Policy से क्या होंगे फायदे
नई टोल नीति यानी New Toll Policy लागू होने के बाद हाईवे पर सफर करना लोगों के लिए पहले से कहीं ज्यादा आसान, सस्ता और पारदर्शी हो जाएगा। इस पॉलिसी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अब वाहन चालकों को केवल उतनी ही दूरी का टोल देना होगा जितनी दूरी उन्होंने वास्तव में तय की है।
यानी अगर आपने पूरे हाइवे का उपयोग नहीं किया तो आपको पूरा टोल नहीं देना पड़ेगा जिससे अनावश्यक खर्च से बचत होगी। इसके अलावा टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारों से भी छुटकारा मिलेगा क्योंकि टोल कटौती की प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमैटिक होगी FASTag, कैमरे और GPS तकनीक के जरिए।
इससे न सिर्फ यात्रियों का समय बचेगा बल्कि वाहन को बार-बार रोकने की वजह से जो ईंधन की खपत होती थी वह भी कम हो जाएगी। टोल प्लाजा पर भुगतान के दौरान जो कैश का झंझट होता था या कभी-कभी नेटवर्क की वजह से FASTag फेल होने की समस्या आती थी उससे भी राहत मिलेगी।
नई प्रणाली पूरी तरह डिजिटल, पारदर्शी और बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के काम करेगी। इससे न सिर्फ सरकार को अधिक कुशलता से राजस्व प्राप्त होगा बल्कि यात्रियों का अनुभव भी पहले से बेहतर हो जाएगा।
इस तरह New Toll Policy देश में डिजिटल और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
कब से लागू हो सकती है यह पॉलिसी
लागू होने की बात करें तो सरकार ने New Toll Policy के लागू होने की सटीक तारीख की घोषणा नहीं की है लेकिन सूत्रों के मुताबिक इसे अगले कुछ महीनों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा सकता है।
इसके लिए FASTag सिस्टम को अपग्रेड किया जा रहा है और कैमरे व GPS ट्रैकिंग डिवाइसेज़ लगाए जा रहे हैं।
निष्कर्ष
New Toll Policy आने वाले समय में भारत के रोड ट्रैवल सिस्टम को पूरी तरह बदल सकती है। जहां पहले हर वाहन चालक को पूरे टोल का भुगतान करना पड़ता था वहीं अब उन्हें केवल अपनी यात्रा की दूरी के अनुसार भुगतान करना होगा। यह न सिर्फ फेयर सिस्टम होगा बल्कि डिजिटल इंडिया की ओर एक बड़ा कदम भी साबित होगा।